[ FREE PDF ] Hanuman Chalisa PDF Download In Hindi | हनुमान चालीसा पीडीएफ

 Hanuman Chalisa PDF Download In Hindi - तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा को लिखा था । जो व्यक्ति भूत प्रेत से डरता है और निडर बनना चाहता है । उसको हर शाम को हनुमान जी का पाठ अवश्य करना चाहिए। आप हर मंगलवार को मंदिर में जाकर इनकी आरती भी कर सकते हो ।


हनुमान चालीसा के फायदे


1: चालीसा को पढ़ने से सारा दिन अच्छा जाता है

2: आपकी हर इच्छा पूरी होगी

3: कोई भी काम में रूकावट नहीं आएगी

4: जो हनुमान चालीसा पढ़ेगा उनको भुत प्रेत से कभी भी डर नहीं लगेगा |

5: आप दूसरे के प्रति दया करना सुरु करेंगे


हनुमान चालीसा का पाठ किसको नहीं करना चाहिये 



1: जो किसी  महिला को गलत नजर से देखते है 

2: जो दुसरो को हमेशा दुखी करते है 

3: जो सच्चाई का साथ नहीं देते 

4: जो किसी के घर से चोरी करते है 

5: दुसरो को रुलाकर जो खुश होते है 


 हनुमान चालीसा किनको पढ़नी चाहिये 


1: उनको पढ़नी चाहिये जो सबके लिए अच्छा सोचते है |

2: जिन्होंने किसी भी तरह का पाप नहीं किया हो| 

3: जो दुसरो को उदास नहीं देख सकते |

4: जो हनुमान जी के भक्त हो 


Hanuman Chalisa PDF Download In Hindi


श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवनकुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुँलोक उजागर॥ राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥ महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी॥ कंचन बरन विराज सुवेशा। कानन कुंडल कुंचित केशा॥ हाथ वज्र औ ध्वजा विराजै। कांधे मूँज जनेऊ साजै॥ सङ्कर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जगबंदन॥ विद्यावान गुणी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा॥ भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे॥ लाय सञ्जीवनि लखन जियाए। श्रीरघुबीर हरषि उर लाए॥ रघुपति कीन्ही बहुत बडाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥ सहस बदन तुम्हरो यश गावैं। अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं॥ सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते। कवि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥ तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा॥ तुम्हरो मन्त्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना॥ युग सहस्त्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं॥ दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥ राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥ सब सुख लहैं तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना॥ आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हाँक तें कापै॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै॥ नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥ संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥ सब पर राम तपस्वी राजा। तिनके काज सकल तुम साजा॥ और मनोरथ जो कोई लावै। सोई अमित जीवन फल पावै॥ चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा॥ साधु संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे॥ अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता॥ राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा॥ तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै॥ अंत काल रघुवर पुर जाई। जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥ औ देवान्यहि कलि उबारी। प्रभु अवतारी भवानी गारी॥ कीजै नाथ हृदय महं डारि। अणि काॅल मनोरथ चारि॥ पावन तनय संकट हरण मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप



Faq of Hanuman Chalisa PDF Download In Hindi 



हनुमान चालीसा किसने लिखा?


तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा को लिखा था।


हनुमान चालीसा में कितनी चौपाई है?


हनुमान चालीसा में 40 चौपाई है?


हनुमान चालीसा को कब पढ़ना चाहिये 


हनुमान चालीसा को पढ़ने का सबसे शुभ शुभ दिन मंगलवार का होता है बाकि आप चाहो तो रोज सुबह शाम दोनों समय पढ़ सकते हो अगर आप अपनी मनोकामना को पूरा करना चाहते हो तो इनका नाम जरूर ले 

हनुमान जी किसके भक्त है 


हनुमान जी श्री राम के भक्त है


हनुमान जी किसके अवतार है 

भगवन शिव 

हनुमान जी किसके पुत्र थे


केसरी और उनकी पत्नी अंजना


Wrapping up


हमे उम्मीद है आपने Hanuman Chalisa PDF Download In Hindi को  एन्ड तक जरूर पढ़ा होगा कृपया करके सोशल मीडिया में इसको दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे